लम्बा अंगूठा
लम्बा अंगूठा व्यक्ति में मानव-सुलभ गुणों का परिचायक है। ऐसे व्यक्ति उदार, शांत, बुद्धिमान, शौकीन, मानव गुण सम्पन्न एवं विशाल हृदय होते हैं। यदि अंगूठा लम्बा होकर वृहस्पति की अंगुली के द्वितीय पोर तक जाता है तो ऐसे व्यक्ति जज व निर्णायक होते हैं। इन व्यक्तियों में निर्णय व नियन्त्रण शक्ति उत्तम होती है। ऐसे व्यक्ति जीयों और जीने दो के सिध्दांत वाले होते हैं, परन्तु इनमें अहम् भावना होती है।
अंगूठा लम्बा होने पर यदि मस्तिष्क रेखा निर्दोष और बुध की अंगुली व उसका नाखून उत्तम हो तो ऐसे व्यक्ति विशेष कुशल निर्णायक एवं न्याय-मूर्ति होते हैं। किसी बात को बहुत शीघ्र समझ कर दूध का दूध और पानी का पानी कर देते हैं। इनकी परख बहुत उत्तम होती है। ये पूर्णतया बुद्धिवादी होते हैं। प्रबन्ध-शक्ति व ग्रहण-शक्ति इनमें उत्तम कोटि की होती है। ऐसे व्यक्ति समय के पाबन्द, जबान के पक्के व अनुशासित होते हैं।
छोटा अंगूठा
अंगूठा छोटा होने पर यदि मोटा भी हो तो कुटुम्ब के व्यक्तियों से विरोध चलता रहता है। भावुकता में आकर ऐसे व्यक्ति अपनी सम्पत्ति आदि छोड़ बैठते हैं लेकिन सहयता का वचन देने पर ये किसी भी परिस्थिति में व्यक्ति की सहायता करते है। अत: ऐसे व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की निर्भरता से हानि उठाते हैं, सम्पत्ति से हाथ धो बैठते हैं। इनका दिया हुआ पैसा डूब जाता है। ऐसे व्यक्ति दूसरों से उधार लेकर देने वाले होते हैं, अत: कइ बार विशेष परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मस्तिष्क रेखा में थोड़ा भी दोष होने पर इनकी आदत गाली बकने की होती है। एक अंगूठा छोटा व एक लम्बा होने की दशा में ऐसे व्यक्तियों की सन्तान अंगूठा चूसती है। एक मोटा व एक पतला होने पर भी यही फल कहा जा सकता है।
मोटा अंगूठा
मोटे अंगूठे के गुण, छोटे अंगूठे से मिलते-जुलते हैं। ऐसे व्यक्तियों को क्रोध जल्द आता है और देर तक रहता है। जब तक बात साफ नहीं होती तब तक मस्तिष्क में रोष बना रहता है।
मोटा अंगूठा यदि लम्बा भी हो तो ऐसे व्यक्ति झगड़ा कम पसन्द करते हैं परन्तु सिर पर आ जाने पर हिम्मत से लड़ने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्ति किसी का पक्ष अथवा विपक्ष में बोलना पसन्द नहीं करते परन्तु यदि वास्तव में अन्याय होता है तो चिल्ला-चिल्ला कर न्याय का पक्ष लेने वाले होते हैं।
सम्बन्धी, मित्र आदि में भी इनका विरोध होता है। किसी बच्चे का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता। घर में खर्च अधिक रहता है।
कठोर अथवा न झुकने वाला अंगूठा
ऐसा अंगूठा लम्बा, मोटा, किसी भी प्रकार का हो सकता है, परन्तु यह पीछे की ओर नहीं मुड़ता। इस प्रकार का अंगूठा होने पर व्यक्ति मेहनती, ईमानदार व दृढ़ प्रतिज्ञ होता है। ऐसे व्यक्ति कोई भी निश्चय करने पर उसे मरते दम तक पूरा करने वाले होते हैं। हृदय व मस्तिष्क रेखा समानान्तर होने पर ये किसी भी कार्य को पूरा करके ही दम लेते हैं, अत: इनका भी विरोध होता है। ये स्वनिर्मित व संघर्ष के पश्चात् जीवन बनाने वाले होते हैं और निरन्तर सफल होते चले जाते हैं।
पतला व लम्बा होने पर ये व्यक्ति उन्नतिशील, भाग्यशाली, अपने काम की ओर ध्यान रखने वाले, दूसरों का हस्तक्षेप सहन न करने वाले और निरन्तर उन्नति की बढ़ने वाले होते हैं। अन्त में ये बहुत सफल होते हैं। सख्त व लम्बा अंगूठा फौज के अफसरों के हाथ में देखा जाता है। ऐसे व्यक्ति सत्य-निष्ठ, कर्तव्य-निष्ठ और वफादार होते हैं।
झुकने वाला (नरम व लचीला) अंगूठा
पीछे की ओर मुड़ने वाला या नरम अंगूठा मानव सुलभ गुणों का परिचायक है। ऐसे व्यक्ति सबसे प्रेम करने वाले होते हैं, परन्तु जिससे ये नाराज हो जाते हैं जीवन भर नहीं बोलते। ये उससे बिगाड़ते भी नहीं। उसे बातचीत करने का अवसर नहीं देते। इनका जीवन खुली किताब होता है। ऐसे व्यक्ति संघर्षशील जीवन व्यतीत करने के पश्चात् सुखी होते हैं और पूर्णतया स्वनिर्मित होते हैं। रेखाओं में दोष न होने पर ये बहुत सफल होते हैं।
टोपाकार अंगूठा
कभी-कभी अंगूठे का अन्तिम पोर एक गांठ का रूप ले लेता है या यह बहुत छोटा होता है। यह लक्षण भी हाथ में दोषपूर्ण लक्षण है। ऐसे व्यक्ति हाथ पतला होने पर जीवन के किसी क्षेत्र में भी संतुष्टि प्राप्त नहीं करते। अंगूठा पतला होने की दशा में व्यक्ति में नियन्त्रण शक्ति पाई जाती है और अंगुलियां भी पतली हों तो व्यक्ति में क्रोध आदि को छोड़कर अन्य विशेष दुर्गुण नहीं होते।
हाथ गुलाबी, मस्तिष्क रेखा छोटी (सूर्य के नीचे तक), अंगुलियां पतली होने पर ऐसे व्यक्ति व्यावहारिक, आगे-पीछे का ख्याल रखने वाले, घर को हर तरह से सुख प्रदान करने वाले और सद्भावना-पूर्ण व्यवहार करने वाले होते हैं।
पतला अंगूठा
अंगूठा पतला होने पर व्यक्ति में नियन्त्रण शक्ति की अधिकता होती है। ऐसे व्यक्ति क्रोध, भावुकता, वासना आदि गुणों पर भली-भांति नियन्त्रण रखते हैं। अंगूठा पतला होकर लम्बा भी हो तो दिखावें का क्रोध करते हैं वास्तव में क्रोध नहीं होता, न ही ऐसे व्यक्ति कहने-सुनने का बुरा मानते हैं। ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान, ईमानदार व शीघ्र निर्णय लेने वाले होते हैं। अत: जीवन में लगातार सफल होते चले जाते हैं।
गांठदार व बिना गांठ का अंगूठा
अंगूठा गांठदार होने पर ऐसे व्यक्ति में निर्णय शक्ति तीव्र होती है। इस प्रकार के अंगूठे की बीच में गांठ पाई जाती है। ये पूर्णतया सफल नहीं होते परन्तु गांठदार अंगुलियां होने पर निश्चय ही सफलता प्राप्त करते हैं। अंगूठा गांठदार अंगुलियां बिना गांठ की हों तो साधरण सफलता प्राप्त करते हैं, विशेष नहीं क्योंकि आलसी व दूसरों पर निर्भर करने वाले होते हैं।
दण्डाकार अर्थात गोल अंगूठा
दण्डाकार अर्थात् गोल अंगूठा जोकि आगे से नोकीला नहीं होता वैसे तो नीतीज्ञ होने का लक्षण है परन्तु यह सन्तान सम्बन्ध में परेशानी करता है। ये परिश्रमी, अपने मस्तिष्क से चलने वाले व सफल व्यक्ति होते हैं। आर्थिक दृष्टि से भी पतले अंगूठे वालों से पीछे नहीं रहते, लेकिन प्रत्येक कार्य में शीघ्रता का व्यवहार करते हैं। देर होने पर अशान्ति व नींद में बेचैनी अनुभव करते हैं।
साभार
कबीर के दोहे
बस, ऐसे ही पूछ लिया !!!
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